Changes

{{KKRachna
|रचनाकार=दिनकर कुमार
|संग्रह=लोग मेरे लोग / दिनकर कुमार
}}
{{KKCatKavita‎}}
वह जो फ़ेसबुक का साथी है
किसी मशीन की तरह
या किसी बहुरुपिए बहुरूपिए की तरह
वह अपनी कुँठाएँ उड़ेलता है
जब वह बिलकुल अकेला होता है
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,158
edits