|रचनाकार=मलिक मोहम्मद जायसी
}}
[[Category:लम्बी कविता]]
'''मुखपृष्ठ: [[आखरी कलाम / मलिक मोहम्मद जायसी]]'''
[[आखरी कलाम / पृष्ठ 4 / मलिक मोहम्मद जायसी|<< पिछला भाग]]
तुम तहँ एता सिरजा, आप कै अंतरहेत ।<br>
देखहु दरस मुम्मद ! आपनि उमत समेत ॥50॥<br><br>
[[आखरी कलाम / पृष्ठ 6 / मलिक मोहम्मद जायसी|अगला भाग >>]]