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Kavita Kosh से
इतने खाईफ़ क्यों रहते हो?
हर आहट से डर जाते हो
तेज़ हवा ने मुझ से पुछा
अपनी कहो अब तुम कैसे हो?
'मोहसिन ' तुम बदनाम बहुत हो
जैसे हो, फिर भी अच्छे हो