भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
मैं लहजा आज़माना चाहता हूं
ख़फ़ा हो जायें ना ज़िल्लेइलाही<ref>बादशाह</ref>
ज़रा सा मुस्कुराना चाहता हूं