भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
सारे रंगों की क़द्र करना सीख
फिर बनेगा समाज फूलों का
 
सब्र जो है यतीम बच्चों को
बस यही है अनाज फूलों का
खुशबूएँ बाँटती रहो ‘श्रद्धा’
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits