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जिस्म सन्दल, मिज़ाज फूलों का.. / श्रद्धा जैन
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03:44, 9 जुलाई 2013
सारे रंगों की क़द्र करना सीख
फिर बनेगा समाज फूलों का
सब्र जो है यतीम बच्चों को
बस यही है अनाज फूलों का
खुशबूएँ बाँटती रहो ‘श्रद्धा’
Shrddha
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