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|संग्रह=बोली तूं सुरतां / प्रमोद कुमार शर्मा
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[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
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लै मेरी आत्मा
मुगत करूं थानै आज
खेल है,
मर अर बुद्धि रो !
'''मोटा पाठ'''
 
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