भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सावण-दो / शिवदान सिंह जोलावास

516 bytes added, 04:35, 18 अक्टूबर 2013
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवदान सिंह जोलावास |संग्रह= }} [[Categor...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शिवदान सिंह जोलावास
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita‎}}
<poem>घटाटोप अंधारो
चिलकती बिजळी यूं तड़ै
जियां फोटू खींचतां मांडै
धरती रो चितराम
इणरै साथै झमाझम पाणी
इयां आवै सावण।</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits