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|संग्रह=
}}
{{KKCatMoolRajasthani‎KKCatKavita‎}}{{KKCatKavita‎KKCatRajasthaniRachna}}<poem>कालै ही म्हैं कीट्स नै
पाछौ पढियौ
म्हनै लागौ
मावटी2 मींट टिमकारै ।
(1 बिजळी सी चमक : 2 माह महीने री बिरखा )</poem>
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