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कवि कीट्स नै फेरूं पढ़िया / नारायणसिंह भाटी
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04:34, 19 अक्टूबर 2013
एक पल रौ इतिहास है
पण इण पल रो
खिंवण1
खिंवण<ref>बिजळी सी चमक</ref>
लाख बरस लग तपियोड़ै
लोही री कांठळ हेठै
कदै कदास ही
मावटी2 मींट टिमकारै ।
(1 बिजळी सी चमक : 2
मावटी<ref>
माह महीने री बिरखा
)
</ref> मींट टिमकारै ।
</poem>
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आशिष पुरोहित
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