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{{KKCatKavita}}
<poem>खा़मोश ख़ामोश हैं
लब
सब ख़ामोश हैं
राजा-प्रजा
महल-माढी
घोडा -गाडी
सब
ख़ामोश हैं सब
सबके लब ख़ामोश हैं