भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBhajan}} ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मीराबाई
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBhajan}}
<poem>
मैं तो सांवरे के रंग राची।
साजि सिंगार बांधि पग घुंघरू लोक-लाज तजि नाची॥

ग कुमति ल साधुकी संगति भगत रूप भै सांची।
गाय गाय हरिके गुण निस दिन कालब्यालसूं बांची॥

उण बिन सब जग खारो लागत और बात सब कांची।
मीरा श्रीगिरधरन लालसूं भगति रसीली जांची॥
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
1,983
edits