Changes

रेड बैली / पुष्पिता

1,270 bytes added, 10:03, 27 मई 2014
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुष्पिता |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पुष्पिता
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
प्यार का लाल पक्षी
फूल-सा कोमल और मुलायम
सेमल-सा रेशमी
चित्त-चितेरा

प्रिय का ह्रदय ही नीड़
चक्कर लगाता है नित्य

खोलो खिड़कियाँ
अपने चित्त के सिरहाने की
पक्षी की रक्षा में

समुद्र-पार उड़ान से
भारी है पंख
निश्चय ही अलौकिक है उसका प्रेम

समर्पित करता है अपना सर्वस्व
प्रणय की प्रतीक्षा में

विरल प्रणय-पाखी का स्पर्श करते तुम
तुम्हारे ऊष्म और धड़कते वक्ष की
अनमोल कोशिश एक
महाकोशिश

प्राणों में जैसे महाप्राण
रेड वैली पाखी।
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
1,983
edits