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{{KKRachna
|रचनाकार=प्रभुदयाल श्रीवास्तव
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>अपने मम्मी पापा के संग ,
चुहिया पहुंची थाने|
बोली चूहे के घरवाले,
हैं दहेज दीवाने|
शादी के पहले से ही वे,
मांग रहे हैं कार|
बंद करो थाने में उनको,
चटपट थानेदार|
इस पर भालू कॊतवाल ने,
चूहे को बुलवाया|
थाने में घरवालों के संग,
उसको बंद कराया|
</poem>
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<poem>अपने मम्मी पापा के संग ,
चुहिया पहुंची थाने|
बोली चूहे के घरवाले,
हैं दहेज दीवाने|
शादी के पहले से ही वे,
मांग रहे हैं कार|
बंद करो थाने में उनको,
चटपट थानेदार|
इस पर भालू कॊतवाल ने,
चूहे को बुलवाया|
थाने में घरवालों के संग,
उसको बंद कराया|
</poem>