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माचारूं कानीएकली नी कर सकैमुलकांवारो अंधारो हैआपरी संतान रोआओ, म्हारै सागै रळो ।पालण पोषण:आपां भला‘ई‘कीं धोबो-धोबो अंधारो काढां,चानणै नी बात तोसोचा ।बाप रो भीजे आपां स्यूंफर्ज हुवै।अंधारो नी कढ सीम्हारी जामणबता तो ना कढो !बो कठै हैचानणो आपीजको म्हानैआप रो टैम काढ सी,थारी कूख मांयदूसरी बात और है कैछोड‘र तनैजे सूरज नैवियागण बणाय‘रआपरो अस्तित्व बचाणो हैनिरवाळो होयोड़ो फिरै।तो बो खुदथारैअंतस री बळतलाय बण‘रचिंता राख सीओ उण दगैबाज रैरोअणखावणै मुंडै नैक्यूं नी झुरड़ लेवै?तू मा घरू मामलो हैरजथानी नार अर फेर आभी तो हैइण खातर मून हैकै चानणै‘र अ‘धारै राीअरधार राख्या कुस्ती चाल रै‘यी हैअखूट निगोटनिर्जळा बरत ।पण मा , अछूट!बरतां अै एक दूसरै रै ताणनीं आया करैदगा दकवणिया बापऊपर नीचे अंावता रै‘वै ।अब तनैताईं तोबरत तोड़ना पड़सीअंधारो जीत्योमून खोलणा पड़सी ।न कोई चानणोथारा जाया म्हेपण फेर बी आपांकैर बोअटी फोग खींपआप रै हिस्सा रो काम करांबूई अर रोहिड़ाआपां चानणै रीतनतै उनाळैमदद करां, भला‘ईबिनां गाभांराम बण‘रथारैअधारै सागै दगो करांतर-तरअंधारै रै बाली नै मार‘रनिबळै पड़तैडील स्यूंचिप‘र अबघणा दिननी तोड़ सकांअर तूं भीअबम्हारी तर-तर बधतीभूख तिस्स चानणै रै सुग्रीव नैखाली पड़तै हांचळां मांयकिता-क दिनलिंया फिर सी ?उतराधै स्यूंहळ-हळ करतोबैवतो आवैखाथा-खाथाडग भरतोम्हारो दगैबाज बापराज सूंपां ।इण खातरआपांअब तनैधणां‘ई निबळा हांकोई तिरिया चरितपण फेर बी आओ !रचणो पड़ सी।आपां अंधारो काढण रीका कोई लूंठो सोब्रह्य मंतर जप‘रब्रह्यास्तर चकणो पड़सी !बात ता करां ।
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