भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सूर्यदेव पाठक 'पराग' |संग्रह= }} {{KKCatBho...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सूर्यदेव पाठक 'पराग'
|संग्रह=
}}
{{KKCatBhojpuriRachna}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
घुट-घुट मरत बा आदमी
गलती करत बा आदमी

हैवानियत में जी रहल
कहवाँ डरत बा आदमी

कबहीं कली, फिर फूल बन
सूखत-झरत बा आदमी

तिल-तिल दिया के टेम अस
बूतत-बरत बा आदमी

आबाद आपन खेत रख
अनकर चरत बा आदमी

लेलस कबो करजा, उहे
रोजो भरत बा आदमी

सबके खुशी देखत दुखी
होके जरत बा आदमी
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,887
edits