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बकरी / निरंकार देव सेवक

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<poem>अरे-अरे, क्या करती बकरी
घास पराई चरती बकरी!
बकरी! बकरी! उधर न जा,
इधर चली आ, आ आ आ।
वहाँ पकड़ ली जाएगी,
में - में - में चिल्लाएगी।
</poem>
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