भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भागा भालू / प्रयाग शुक्ल

562 bytes added, 13:06, 5 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रयाग शुक्ल |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रयाग शुक्ल
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>भालू की माँ बोली-कालू
आ तुझको नहला दूँ,
लगा-लगाकर साबुन तेरा
सारा मैल छुड़ा दूँ!
भागा भालू ज्यों ही माँ ने
डाला ठंडा पानी!
लगा चीखने जोर-जोर से
याद आ गई नानी!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits