भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मने जन्मदिन / राजनारायण चौधरी

1,445 bytes added, 18:34, 5 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजनारायण चौधरी |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजनारायण चौधरी
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>मने जन्म-दिन मेरा!
फूलों से मह-मह-मह करते
हैं घर-आँगन सारे,
नीले-पीले लाल, बैंगनी
लटक रहे गुब्बारे।

जगमग-जगमग करे रोशनी,
भागा दूर अँधेरा!

नए-नए कपड़ों में नन्हा
राजकुंवर मैं लगता,
दिल में रह-रहकर खुशियों का
जलतरंग है बजता।

लगे आज घर-आँगन ने भी
मधुर-मधुर स्वर छेड़ा!

कुंकुम-रोली का टीका
मेरे माथे पर सोहे,
रंग-बिरंगी लटकी झालर
सबके मन को मोहे।

दे-दे मुझे बधाई सबने
चूमा माथा मेरा!

मोमबत्तियाँ और केक
लेकर पापा हैं आए,
मिठाइयों से भर-भरकर
मम्मी ने थाल सजाए।

कलाकंद, बरफी, चमचम हैं
है रसगुल्ला-पेड़ा!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits