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|रचनाकार=चंद्रमोहन 'दिनेश'
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<poem>चूजा टूँग रहा था दाना
पीकर पानी ठंडा,
तभी पास में पड़ा दिख गया
छोटा-सा एक डंडा।
डंडा लेकर ऐंठ अकड़कर
पहुँचा भैंसे पास,
बोला, ‘भैंस मुझे दे जल्दी-
डंडा मेरे पास।’
</poem>
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