भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKCatGhazal}}
<poem>
'''अकबर इलाहाबादी ने लिखा है--'''
'''किस बला का जोश जानां तेरे दीवाने में है ।'''
'''कल ज़मानत पर छुटा था आज फिर थाने में है ।'''
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,359
edits