भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश कुमार स्वामी 'शबाब मेरठी']] }}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दिनेश कुमार स्वामी 'शबाब मेरठी']]
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
कोई पत्ती हरी नहीं मिलती
पेड़ को रौशनी नहीं मिलती
इतनी कड़वा गईं मेरी आँखें
ख़्वाब में भी ख़ुशी नही मिलती
मरघटों में भी जा के देख लिया
अब कहीं ख़ामुशी नहीं मिलती
अपनी तन्ख़्वाह से सिवा शायद
अब हमें ज़िन्दगी नहीं मिलती
क़ातिलों मे छिपी हुई है ‘शबाब’
लाश फिर भी कभी नहीं मिलती
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=दिनेश कुमार स्वामी 'शबाब मेरठी']]
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
कोई पत्ती हरी नहीं मिलती
पेड़ को रौशनी नहीं मिलती
इतनी कड़वा गईं मेरी आँखें
ख़्वाब में भी ख़ुशी नही मिलती
मरघटों में भी जा के देख लिया
अब कहीं ख़ामुशी नहीं मिलती
अपनी तन्ख़्वाह से सिवा शायद
अब हमें ज़िन्दगी नहीं मिलती
क़ातिलों मे छिपी हुई है ‘शबाब’
लाश फिर भी कभी नहीं मिलती
</poem>