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<poem>
'''हम्द'''<ref> ईश्वर स्तुति</ref>
रोज़-ए-अज़ल<refअनादिref>अनादि</ref> से रोज़-ए-अबद<ref>अनन्त</ref> तक इंसाँ की तक़दीर हो तुम
हर तौक़ीर<ref>प्रतिष्ठा</ref> तुम्हारी बख़्शिश<ref>देन, वरदान</ref> इल्म <ref>ज्ञान</ref>की हर तहरीर<ref>लिखी हुई बात</ref> हो तुम