भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

माँ / अशोक शर्मा

3 bytes removed, 04:36, 11 दिसम्बर 2015
तुम नहीं हो बताओ तो अब कौन से घर जाऊं मैं!!
मन करता है बस जिंदा रह कर भी मर जाऊं मैं!!
 
तुम्हारे चले जाने के बाद सब सूना सा लगता है,
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits