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लहुवे टा श्रोता सें लै छोॅ तों दान ! जै होमच्छड़ भगवान !
गावी-गावी कीत्र्तन कीरतन दिलवावै छोॅ तालीआठो आúे अंगे ताली दै छौ पढ़ी-पढ़ी गाली
महिमा तोरोॅ लीला के, करेॅ बखान ! जै हो मच्छड़ भगवान !
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