भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
लहुवे टा श्रोता सें लै छोॅ तों दान ! जै होमच्छड़ भगवान !
गावी-गावी कीत्र्तन कीरतन दिलवावै छोॅ तालीआठो आúे अंगे ताली दै छौ पढ़ी-पढ़ी गाली
महिमा तोरोॅ लीला के, करेॅ बखान ! जै हो मच्छड़ भगवान !
Mover, Protect, Reupload, Uploader
6,574
edits