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'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ

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====ग़ज़लें====
* [[चली अब गुल के हाथों से लुटा कर कारवाँ अपना / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]]
* [[हम ने की है तौबा और धूमें मचाती है बहार / 'मज़हर' मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ]]
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