भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
आँखों में रचाया तो है, मगर इसकी दरकार नहीं है<br><br>
जिसकी एक झलक पाने को , मेरी आँखें नम रहा करती हैं<br>
मगर उससे मिलने का, मेरे दिल को इन्तज़ार नहीं है<br><br>