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{{KKRachna
|रचनाकार=कुमार मुकुल
|अनुवादक=
|संग्रह=एक उर्सुला होती है
}}
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<poem>
अकेले
उदासी के साथ रहना
एक तरह की आश्वस्ति देता है
कि इस अकेलेपन को
हम खत्म कर सकते हैं
कभी भी
उस डर के मुकाबिल
कि
किसी के साथ रहकर भी
जो
अकेले रह गए
तो।
</poem>
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|अनुवादक=
|संग्रह=एक उर्सुला होती है
}}
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अकेले
उदासी के साथ रहना
एक तरह की आश्वस्ति देता है
कि इस अकेलेपन को
हम खत्म कर सकते हैं
कभी भी
उस डर के मुकाबिल
कि
किसी के साथ रहकर भी
जो
अकेले रह गए
तो।
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