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{{KKRachna
|रचनाकार=निर्मल कुमार शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=निरमल वाणी / निर्मल कुमार शर्मा
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
करे अणूथो लाड राजी घरवाली
घणी करे है राड़ रूसी घरवाली
हँसे है दांतां काढ़ राजी घरवाली
रहे है मूंडो चाढ़ रूसी घरवाली
धरे है हिवड़ो काढ राजी घरवाली
करे है टेढ़ी नाड़ रूसी घरवाली
राखे खुलो किंवाड़ राजी घरवाली
सोवे साँकल चाढ़ रूसी घरवाली बोले मिसरी चाढ़ राजी घरवाली
देखे आँख्यां काढ रूसी घरवाली
तपती में ठण्डी आड़ राजी घरवाली
सूखी कांटा री बाड़ रूसी घरवाली
जोड्यां राखे सदा गुवाड़ राजी घरवाली
कर दे मिनटा में दो फाड़ रूसी घरवाली
</poem>
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|अनुवादक=
|संग्रह=निरमल वाणी / निर्मल कुमार शर्मा
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करे अणूथो लाड राजी घरवाली
घणी करे है राड़ रूसी घरवाली
हँसे है दांतां काढ़ राजी घरवाली
रहे है मूंडो चाढ़ रूसी घरवाली
धरे है हिवड़ो काढ राजी घरवाली
करे है टेढ़ी नाड़ रूसी घरवाली
राखे खुलो किंवाड़ राजी घरवाली
सोवे साँकल चाढ़ रूसी घरवाली बोले मिसरी चाढ़ राजी घरवाली
देखे आँख्यां काढ रूसी घरवाली
तपती में ठण्डी आड़ राजी घरवाली
सूखी कांटा री बाड़ रूसी घरवाली
जोड्यां राखे सदा गुवाड़ राजी घरवाली
कर दे मिनटा में दो फाड़ रूसी घरवाली
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