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{{KKRachna
|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’
|अनुवादक=
|संग्रह=भोत अंधारो है / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
जूण री गाडी खींचण
आखै दिन हांड्या
खट-खट खूट्या हाड
होठां फेफी
गाभां बूफण
बाळी तावड़ै चाम
बाद खोरसै
ढळलै तारां
काम करणियां सूं
बेसी पण लेयग्या
काम करावणियां दाम!
लाज-सरम
धरम-करम
कानून-कायदा
कारू पांती
बंारै पांती
फगत फायदा
बां री रुखाळी
दमड़ी माता
कारू रुखाळो
फगत अदीठो राम!
</poem>
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|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’
|अनुवादक=
|संग्रह=भोत अंधारो है / ओम पुरोहित ‘कागद’
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<poem>
जूण री गाडी खींचण
आखै दिन हांड्या
खट-खट खूट्या हाड
होठां फेफी
गाभां बूफण
बाळी तावड़ै चाम
बाद खोरसै
ढळलै तारां
काम करणियां सूं
बेसी पण लेयग्या
काम करावणियां दाम!
लाज-सरम
धरम-करम
कानून-कायदा
कारू पांती
बंारै पांती
फगत फायदा
बां री रुखाळी
दमड़ी माता
कारू रुखाळो
फगत अदीठो राम!
</poem>