भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
फिर सोचता हूँ,किन चीजों से नापी जायेगी मेरी उम्र
कोई ओहदा,कुछ पैसे,कोई गाड़ी,कोई घर, कुछ मंहगे महंगे समान
या फिर कुछ साल जो बहुत घरों में बहुत लोगों का सगा होकर गुजरे?