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ख़ुद न जो कर सकें ईश्वर पे छोड़ दें उसको
फिक्ऱ फ़िक्र बेकार है लेकिन जो आप समझें तो।
बड़े आराम से हर चीज़ यहाँ बिकती है
खुला बाज़ार है लेकिन जो आप समझें तो।
</poem>
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