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जनता बेचारी / लालसिंह दिल / सत्यपाल सहगल
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11:23, 12 सितम्बर 2017
|रचनाकार=लालसिंह दिल
|अनुवादक=सत्यपाल सहगल
|संग्रह=
प्रतिनिधि कविताएँ / लालसिंह दिल / सत्यपाल सहगल
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लोगों
ने
से
बनवास वापसी पर
जब राम
से
ने
पूछा
कैसी बीती?
और हमसे
सीधी तराजू के साथ
लिया
गया.
गया।
राम ने कहा
तुम्हारा यह हाल हुआ?
अब भी करने वाले
वही
हैं.
हैं।
</poem>
अनिल जनविजय
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