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पहली छुअन
निष्पाप, निश्छल
आद्र दृष्टि के साक्ष्य मे में
अंतिम चुंबन तक
एक अंतहीन असमंजस
अनंत आपाधापी लिये
हम दोनों प्रेम मे मेंप्रेम के अपराधी हो चुके थे !!.
</poem>
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