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प्रार्थना / अनीता वर्मा

287 bytes removed, 20:36, 1 जुलाई 2008
मुझे अच्छी लगती है पुरानी कलमभेद मैं तुम्हारे भीतर जाना चाहती हूंपुरानी कापी पर उल्टी तरफ़ से लिखनारहस्य घुंघराले केश हटा कर शायद मेरा दिमाग पुराना है या मैं तुम्हारा मुंह देखना चाहती हूं आदिमज्ञान मैं खोजती तुमसे दूर जाना चाहती हूं पुरानापनतुरत आयी एक पुरानी हंसी मुझे हल्का कर देती हैनिर्बोध निस्पंदता तकअनुभूति मुझे अच्छे लगते हैं नए बने हुए पुराने संबंधमुक्त करोपुरानी हंसी और दुख और चप्पलों के फ़ीतेआकर्षण मैं तुम्हारा विरोध करती हूंनयी परिभाषाओं की भीड़ में संभाले जाने चाहिए पुराने संबंधनदी और जंगल केरेत और आकाश केप्यार और प्रकाश के।जीवन मैं तुम्हारे भीतर से चलकर आती हूं।