भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तीन बांदरा / दुष्यन्त जोशी

627 bytes added, 06:00, 1 अप्रैल 2018
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=[[दुष्यन्त जोशी]] |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[दुष्यन्त जोशी]]
|अनुवादक=
|संग्रह=कठै गई बा'... / दुष्यन्त जोशी
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
अेक बांदरो-
जिको
देखणौ नीं चावै

दूजो-
जिको
बोलणौ नीं चावै

अर तीजो-
जिको
कीं कैवणौ ई नीं चावै

कियां निवड़सी
अबखायां

अबै
दीठ बदळगी
मिनखां री।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits