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|रचनाकार=बुद्धिनाथ मिश्रमोहन कुमार डहेरिया|संग्रह=शिखरिणी / बुद्धिनाथ मिश्र
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खड़ी है जो लोहे के गेट पर हाथों की कोहनी टिकाए<br>