भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

परछाई / मोहन कुमार डहेरिया

60 bytes removed, 20:44, 11 जुलाई 2008
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=बुद्धिनाथ मिश्रमोहन कुमार डहेरिया|संग्रह=शिखरिणी / बुद्धिनाथ मिश्र
}}
खड़ी है जो लोहे के गेट पर हाथों की कोहनी टिकाए<br>