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<poem>
ओ देस कठी'नै जार्'यो है !
नहीं भेद रामजी पार्'यो है !!
बोलण-चालण का सू'र नहीं !
तन ऊपर ढंग का पू'र नहीं !!
आ होठां सूं रंगरेजां सी !
आ बोली सूं अंगरेजां सी !!
पण आँख्यां काजळ सार्'यो है !
ओ देस कठी'नैं जार्'यो है !!
हाथां सुहाग की चूड़ी ना !
पग मैं बाजै बिछूड़ी ना !!
काळी नागणं सा बाळ कठै ?
माथै सिंदूरी टाळ कठै ??
तन गाबाँ बारैं आर्'यो है !
ओ देस कठी'नैं जार्'यो है !!
आ धक्का-मुक्की गाड्यां की !
आ खिंची लूगड़ी लाड्यां की !!
अ ऐलड़ै लुगायाँ टूँट्यां पर !
अ सरम टाँक दी खूँट्याँ पर !!
घरधणी घूँघटो सार्'यो है !
ओ देस कठी'नैं जार्'यो है !!
बा सीता की सी लाज कठै !
बो रामराज सो राज कठै !!
पन्ना धायण सो त्याग कठै !
बा तानसेन सी राग कठै !!
ओ फिलमी गाणां गार्'यो है !
ओ देस कठी'नैं जार्'यो है !!
अ दूंचै पूत जणीतां नैं !
आ बाड़ चाटगी खेताँ नैं !!
असमत लुट'री थाणै मैं !
झै'र दवाई खाणै मैं !!
ओ हात,हात नैं खार्'यो है !
ओ देस कठी'नैं जार'यो है !!
छोरा-छोर्'याँ को मिट्यो भेद !
रद्दी कै सागै बिक्यो वेद !!
डिसको को रोग चल्यो भारी !
डिसको राजा अर दरबारी !!
आँख्यां पर जाळो छार्'यो है !
ओ देस कठी'नैं जार्'यो है !!
के हाल कहूँ गुरु-चेलै का !
लक्खण आँ मैं नहीं धेलै का !!
ऐ साथ मरै अर साथ जिवै !
बोतल अर बीड़ी साथ पिवै !!
खेताँ मैं तीतर मार्'यो है !
ओ देस कठी'नैं जार्'यो है !!
धोळै दोपारां डाको है !
ओ लूंठाई को हाको है !!
झूंठै कोलां को खाको है !
फाट्यै गा'बै मैं टाँको है !!
ओ मिनखपणै नैं खार्'यो है !
ओ देस कठी'नैं जार्'यो है !!
</poem>
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