भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
<poem>
(22)
सांग:– महात्मा बुद्ध & (अनुक्रमांक – 36 )
वार्ता:- सज्जनों! फिर राणी को महात्मा बुद्ध की बात समझ मे आ जाती है और भिक्षा दे देती है और फिर नगरवासी, राजा, मंत्री, रानी-महारानी आदि सभी कहते है कि आपने इतनी भक्ति करके इस दुनिया मे घूमकर एक साधू की सभी सिद्धिया प्राप्त करली, लेकिन हमे तो भविष्य के बारे मे कुछ नही बताया और हमें भी तो कुछ बताओं, फिर तो महात्मा बुद्ध कलयुग के भविष्य के बारे मे क्या बताता है।
जवाब:- महात्मा बुद्ध का।
'''किया बखान महात्मा बुद्ध नै, ऐसा कलयुग आवैगा,''''''बिन मतलब ना कोए किसे कै, पास बैठणा चाहवैगा ।। टेक।।'''
मां जाए भाई का भाई, करै कदे इतबार नही,