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/* कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ */
* [[जमीदार का फर्ज बख्त पै, खेती नै बोवण का हो / गन्धर्व कवि प. नन्दलाल]]
* [[कर रैन बसेरा होया सबेरा, ले ज्या हँस उडारी तूँ / गन्धर्व कवि प. नन्दलाल]]
* [[कौण देश तैं आई सै, हे कौण देश तूँ जागी / गन्धर्व कवि प. नन्दलाल]]