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मुझे हो के अपना दिये हैं वो तूने दर्दे-दिल और भी सवा होगाकभी ग़म न मुझको दिये जो अदू नेआज सदमा कोई नया होगा
हो लिए हैं वो साथ ग़ैरों के
और भी कुछ मेरे ख़ुदा होगा
मेरे दिल का क्योंकर न हो जख़्म दिलकशतूने दर से जिसे उठाया थाये बक्शा है मुझको किसी ख़ूबरु नेअयाज दुनिया से उठ रहा होगा
इधर मैं कि हंसकर सहे ज़ुल्म तेरेउधर तू के पूछा नहीं हाल तूने वो कूचे कि थी दिलकशी जिनमें तुझसेतेरे हिज्र में हो गये सूने सूने मेरी शय समझ कर मेरा हक़ समझ करमुझे सौंप दी दौलते-रंज तू आप ने शबे-ग़म का कटना था दुश्वार लेकिनसहारा दिया बढ़ हंस के जामो सुबू ने। फसुर्दा चमन को बहारें अता कींमेरे खून दिल ने मेरे ही लहू ने ग़मो रंजो हिरामनो यासो मुसीबतयही हैं तेरी बखशिशों के नमूने मेरे दिल के सब राज़ इफशा किये हैंरवां हो के आंखों से दिल के लहू ने फिर 'अंजान' नग़में से गूंज उट्ठे दिल मेंजिसको देख लियापुकारा मुझे फिर किसी खुश गलू ने।अपनी किस्मत सराहता होगा
चल बसा आज दहर से 'अंजान'
आपने भी तो सुन लिया होगा।
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