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{{KKRachna
|रचनाकार=[[अजय अज्ञात]]
|अनुवादक=
|संग्रह=इज़हार / अजय अज्ञात
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
ये ज़िस्म ये लिबास यहीं छोड़ जाऊंगा
जो कुछ है मेरे पास यहीं छोड़ जाऊंगा
जब जाऊंगा तो कोई न जायेगा मेरे साथ
सब लोगों को उदास यहीं छोड़ जाऊंगा
भरभर के जाम जिन में पिये उम्रभर वही
खुशियों भरे गिलास यहीं छोड़ जाऊंगा
जाऊंगा मुस्कुराते हुए इस जहान् से
कड़वाहटें खटास यहीं छोड़ जाऊंगा
पढ़ लेना मेरे शे'र तुम्हें याद आऊं जब
ग़ज़लें तुम्हारे पास यहीं छोड़ जाऊंगा
</poem>
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|रचनाकार=[[अजय अज्ञात]]
|अनुवादक=
|संग्रह=इज़हार / अजय अज्ञात
}}
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ये ज़िस्म ये लिबास यहीं छोड़ जाऊंगा
जो कुछ है मेरे पास यहीं छोड़ जाऊंगा
जब जाऊंगा तो कोई न जायेगा मेरे साथ
सब लोगों को उदास यहीं छोड़ जाऊंगा
भरभर के जाम जिन में पिये उम्रभर वही
खुशियों भरे गिलास यहीं छोड़ जाऊंगा
जाऊंगा मुस्कुराते हुए इस जहान् से
कड़वाहटें खटास यहीं छोड़ जाऊंगा
पढ़ लेना मेरे शे'र तुम्हें याद आऊं जब
ग़ज़लें तुम्हारे पास यहीं छोड़ जाऊंगा
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