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{{KKRachna
|रचनाकार=एस. मनोज
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
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<poem>
अंशक माने हिस्सा होय आ अंसक माने होय कंधा
शूरक माने वीर होय आ सूरक माने होय अंधा
पानिक माने जल होय आ पाणिक माने होय अछि हाथ
संघक माने संगठन आ संगक माने होय अछि साथ
कपिशक माने मटमैला आ कपीशक माने छथि हनुमान
अभिज्ञक माने जानैबाला अनभिज्ञक माने होय अनजान
अविलम्बक माने शीघ्र होय आ अवलम्बक माने अछि सहारा
तकुलक माने वंश होय आ कूलक माने होय किनारा
यूतिकें माने मेल होय आ यतिकें माने होय विराम
च्युतक माने गिरल होय आ चूतक माने होय अछि आम
अस्रक माने नोर होय आ अस्त्रक माने होय हथियार
कृपणक माने कंजूस होय आ कृपाणक माने होय तलवार
</poem>
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अंशक माने हिस्सा होय आ अंसक माने होय कंधा
शूरक माने वीर होय आ सूरक माने होय अंधा
पानिक माने जल होय आ पाणिक माने होय अछि हाथ
संघक माने संगठन आ संगक माने होय अछि साथ
कपिशक माने मटमैला आ कपीशक माने छथि हनुमान
अभिज्ञक माने जानैबाला अनभिज्ञक माने होय अनजान
अविलम्बक माने शीघ्र होय आ अवलम्बक माने अछि सहारा
तकुलक माने वंश होय आ कूलक माने होय किनारा
यूतिकें माने मेल होय आ यतिकें माने होय विराम
च्युतक माने गिरल होय आ चूतक माने होय अछि आम
अस्रक माने नोर होय आ अस्त्रक माने होय हथियार
कृपणक माने कंजूस होय आ कृपाणक माने होय तलवार
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