भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बाल गंगाधर 'बागी' |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=बाल गंगाधर 'बागी'
|अनुवादक=
|संग्रह=आकाश नीला है / बाल गंगाधर 'बागी'
}}
{{KKCatDalitRachna}}
<poem>
मेरे बाप के हाथों में हल पकड़ाया गया
मेरे हाथ में हल की जगह हथियार है
तुम्हारे दमन की ईमारतें जलाऊंगा
हमारी जंग से भड़कती ऐसी आग है
माँ के हाथ में कुदाल को थमाया गया
मेरी बहन के हाथों में तलवार है
बुजुर्गों को नंगे पांव चलाया कांटों पर
‘बाग़ी’ वे कांटे बने बरछों की धार हैं
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=बाल गंगाधर 'बागी'
|अनुवादक=
|संग्रह=आकाश नीला है / बाल गंगाधर 'बागी'
}}
{{KKCatDalitRachna}}
<poem>
मेरे बाप के हाथों में हल पकड़ाया गया
मेरे हाथ में हल की जगह हथियार है
तुम्हारे दमन की ईमारतें जलाऊंगा
हमारी जंग से भड़कती ऐसी आग है
माँ के हाथ में कुदाल को थमाया गया
मेरी बहन के हाथों में तलवार है
बुजुर्गों को नंगे पांव चलाया कांटों पर
‘बाग़ी’ वे कांटे बने बरछों की धार हैं
</poem>