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Kavita Kosh से
नज़र उस पर फ़रिश्ते की कभी तिरछी नहीं होती।
सवेरे की किरन ने जब भी पूछा, कह नहीं पाए
हमारे साथ अब कोई ज़बरदस्ती नहीं चलती।