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/* एक दिन मैं और तुम */
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|रचनाकार=प्रताप नारायण सिंह
|अनुवादक=
|संग्रह=नवगीत / प्रताप नारायण सिंह
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<poem>
एक दिन
मैं और तुम, बस
धर लूँ सिरा, और
एक तुम पकड़ी रहो
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