भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
संघर्षों की ज्वाला में जलो, जलो !
जन-हित, बीहड़ पथ पर भी चलो, चलो !
मधु-ऋतु के हित युग-हिम में गलो, गलो !
1944
Anonymous user