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हर कोई कह रहा है दीवाना मुझे / हस्तीमल 'हस्ती'
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09:01, 17 जून 2020
सर कटा कर भी सच से न बाज आऊँगा
चाहे जिस
वक़्तन
वक़्त
भी आज़माना मुझे
अपने पथराव से ख़ुद वो घायल हुआ
वो ही मौसम लगे है सुहाना मुझे
नेमते इस तरह बाँटना
,
हे ख़ुदा !
सबको दौलत मिले दोस्ताना मुझे
</poem>
Abhishek Amber
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