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Kavita Kosh से
कि एक भी मनुष्य का मरना पूरी मनुष्यता की मृत्यु है
दुनिया को इस तरह होना चाहिए
जैसे एक चेक कवि लुडविक ल्युदविक कुन्देरा
पहली बार माँ बनने जा रही एक स्त्री को देखकर कहता है
कि पृथ्वी आश्चर्यजनक ढंग से गोल है
और अपने तमाम काँटों को झाड़ चुकी है।
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