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|रचनाकार=एस. मनोज
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<poem>
चलो देखने ताल तलैया
संग चलेंगे दीदी भैया
गरई, बुआरी, पोठिया मछली
ताल तलैया से है निकली
मांगुर, हिलसा, रोहू, इचना
मार के लाया है रमचबना
भुन्ना, गौंची, सिंग्धी, बामी
सब मछली में हैं ये नामी।
</poem>
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चलो देखने ताल तलैया
संग चलेंगे दीदी भैया
गरई, बुआरी, पोठिया मछली
ताल तलैया से है निकली
मांगुर, हिलसा, रोहू, इचना
मार के लाया है रमचबना
भुन्ना, गौंची, सिंग्धी, बामी
सब मछली में हैं ये नामी।
</poem>